शुगर / डायबिटीज़ वालों के लिए तंदूरी चिकन ग्रेवी (बिना मक्खन)

यह तंदूरी चिकन ग्रेवी एक हेल्दी और स्वादिष्ट व्यंजन है, जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए भी उपयुक्त है। इसमें हम मक्खन की जगह दही का उपयोग करेंगे, जो प्रोबायोटिक्स से भरपूर है और पाचन को बेहतर बनाता है।

सामग्री:

  • 500 ग्राम चिकन (बोनलेस)
  • 1 कप दही (सादा, बिना मीठा)
  • 2 बड़े चम्मच नींबू का रस
  • 1 बड़ा चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट
  • 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 छोटा चम्मच गरम मसाला
  • 1 बड़ा चम्मच कसूरी मेथी
  • नमक स्वादानुसार
  • 2-3 चम्मच तेल (सरसो या नारियल का)
  • 1 प्याज (बारीक कटा हुआ)
  • 1 टमाटर (बारीक कटा हुआ)
  • आवश्यकतानुसार हरा धनिया (सज़ाने के लिए)

विधि:

  1. सबसे पहले, चिकन को अच्छे से धो लें और एक बाउल में रखें। अब उसमें दही, नींबू का रस, अदरक-लहसुन का पेस्ट, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, गरम मसाला और नमक डालकर सब को अच्छे से मिलाएं। इसे करीब 2-3 घंटे के लिए मैरिनेट होने के लिए फ्रिज में रख दें।
  2. अब एक कढ़ाई में 2-3 चम्मच तेल गरम करें। जब तेल गरम हो जाए, तब उसमें बारीक कटी हुई प्याज डालें और उसे सुनहरा होने तक भूनें।
  3. फिर इसमें बारीक कटा हुआ टमाटर डालें और उसे अच्छे से पका लें जब तक कि वह नरम न हो जाए।
  4. अब इसमें मैरिनेट किया हुआ चिकन डालें। चिकन को अच्छे से भूनें, ताकि वह सभी मसालों को अच्छे से सोख ले। इसे मध्यम आंच पर पकाते रहें।
  5. जब चिकन कुक हो जाए, तो उसमें कसूरी मेथी डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अगर ग्रेवी ज्यादा गाढ़ी लगे, तो थोड़ा पानी डालकर पकाएं।
  6. आपका डिश तैयार है! इसे हरे धनिये से सजाएं और गरमागरम परोसें।

सर्व करने की विधि:

इसे आप कच्ची सलाद या कच्चे सब्जियों के साथ परोस सकते हैं। यह एक हेल्थी और संतुलित भोजन है, जो शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करेगा।

इस रेसिपी में हमने मक्खन की जगह दही का उपयोग किया है, जिससे यह न केवल कम कैलोरी है बल्कि यह पाचन क्रिया में भी सहायक होता है। इसके साथ ही, दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो हमारी आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं।

ध्यान दें: हमेशा अपने डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह लें, खासकर भोजन में किसी भी प्रकार के बदलाव से पहले।

Comments

पौष्टिक जानकारी

5

ग्लाइसेमिक इंडेक्स

0.15

ग्लाइसेमिक लोड

25

मैग्नीशियम

25

पोटैशियम

250

कैलोरी

30

प्रोटीन

5

कार्बोहाइड्रेट

2

फाइबर

10

वसा

सामान्य सुझाव और टिप्स

  • General Cooking Tips:
    • चिकन को मेरिनेट करने के लिए नींबू और दही का उपयोग करें, इससे चिकन जूसी और टेंडर बनेगा।
    • स्पाइसी और फ्लेवर्स के लिए अदरक, लहसुन और गरम मसाले का सही मात्रा में उपयोग करें।
  • Diabetic-Friendly Substitutions:
    • तंदूरी मसाले में नमक की मात्रा कम करें, और हर्ब्स जैसे धनिया या पुदीना डालें।
    • चिकन ग्रेवी में क्रीम या मक्खन की जगह काजू या बादाम का पेस्ट इस्तेमाल करें।
  • Health Benefits:
    • चिकन प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
    • दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन स्वास्थ्य में सहायक होते हैं।
  • Serving & Storage Tips:
    • परोसने से पहले ग्रेवी को अच्छी तरह से गरम करें, ताकि फ्लेवर्स और भी उभर कर आएं।
    • बचे हुए भोजन को एयरटाइट कंटेनर में फ्रिज में 3-4 दिन तक स्टोर कर सकते हैं।
  • Common Mistakes to Avoid:
    • चिकन को अधिक समय तक मेरिनेट न करें, इससे उसके टेक्सचर खराब हो सकते हैं।
    • ग्रेवी में ज्यादा तेल या घी डालने से बचें, इससे कैलोरी बढ़ सकती हैं।

डायबिटीज़ (मधुमेह) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का इंसुलिन उत्पादन या उपयोग करने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। इस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए  पोषण संबंधी जानकारी का सही ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। पोषण से जुड़े कारकों का सीधा असर ब्लड शुगर के स्तर, इंसुलिन संवेदनशीलता और समग्र स्वास्थ्य पर पड़ता है। उचित आहार और संतुलित पोषण न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं, बल्कि हृदय, पाचन तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में भी आहार संतुलन को रोग निवारण का प्रमुख माध्यम माना गया है, जिसमें शरीर के दोष (वात, पित्त, कफ) के अनुसार पोषण संतुलन बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) का सेवन डायबिटीज़ में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं, तो शरीर इसे ग्लूकोज (शुगर) में परिवर्तित करता है, जो रक्त प्रवाह में मिलकर ऊर्जा प्रदान करता है। हालांकि, सभी कार्बोहाइड्रेट समान रूप से कार्य नहीं करते। उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले कार्बोहाइड्रेट जैसे सफेद चावल, सफेद ब्रेड और चीनी तेजी से टूटते हैं और ब्लड शुगर को अचानक बढ़ाते हैं। इसके विपरीत, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे ओट्स, बाजरा, और साबुत अनाज धीरे-धीरे टूटते हैं और ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं। आयुर्वेद में कहा गया है कि मधुमेह के लिए “मधुर रस” (मीठे स्वाद) का संतुलित सेवन आवश्यक है, लेकिन इसे प्राकृतिक स्रोतों जैसे फल और शहद तक सीमित रखना चाहिए।

प्रोटीन (Protein) का सेवन डायबिटीज़ रोगियों के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को सीधे तौर पर नहीं बढ़ाता। प्रोटीन पाचन की गति को धीमा करता है, जिससे कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण की गति भी धीमी हो जाती है। इससे ब्लड शुगर स्तर स्थिर रहता है और इंसुलिन संवेदनशीलता बेहतर होती है। प्रोटीन के अच्छे स्रोतों में अंडा, दही, मूंग दाल, राजमा और मछली शामिल हैं। आयुर्वेद में भी प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को “बलवर्धक” और “ऊर्जा प्रदायक” माना गया है। विशेष रूप से मूंग दाल और पनीर को सात्त्विक भोजन में रखा गया है, जो मानसिक और शारीरिक संतुलन के लिए उपयोगी होते हैं।

वसा (Fats) का प्रभाव डायबिटीज़ में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देता, लेकिन यह शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित करता है। असंतृप्त वसा जैसे जैतून का तेल, तिल का तेल, एवोकाडो और नट्स का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि ये इंसुलिन के कार्य को बेहतर बनाते हैं। ट्रांस फैट और संतृप्त वसा जैसे पैकेज्ड फूड, फ्राइड फूड और प्रोसेस्ड मीट से बचना जरूरी है क्योंकि ये इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) को बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद में तिल और नारियल के तेल को वात और पित्त को शांत करने वाला बताया गया है, जिससे शरीर में सूजन और ग्लूकोज अवशोषण की गति नियंत्रित रहती है।

फाइबर (Fiber) डायबिटीज़ के प्रबंधन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। फाइबर युक्त भोजन पाचन को धीमा करता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है। घुलनशील फाइबर जैसे ओट्स, सेब, बीन्स और मसूर की दाल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करते हैं। वहीं, अघुलनशील फाइबर जैसे ब्रोकली, गोभी और गाजर पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं। आयुर्वेद में आंतों के स्वास्थ्य को “समा अग्नि” (संतुलित पाचन अग्नि) से जोड़ा गया है, और फाइबर युक्त आहार को “वात संतुलित” बताया गया है। बाजरा और रागी जैसे अनाज को पाचन अग्नि को प्रबल बनाने के लिए उत्तम माना गया है।

कैलोरी (Calories) का नियंत्रण डायबिटीज़ रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है। अधिक कैलोरी के सेवन से मोटापा बढ़ सकता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध की संभावना अधिक हो जाती है। आयुर्वेद में भी शरीर के ऊर्जा संतुलन को त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के संतुलन से जोड़ा गया है। कम कैलोरी वाला आहार, जिसमें हरी सब्ज़ियाँ, फलियां और साबुत अनाज शामिल हों, शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है और वजन को नियंत्रित करता है। डायबिटीज़ के रोगियों के लिए नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के भोजन के बीच अंतराल बनाए रखना जरूरी है ताकि शरीर को ऊर्जा मिलती रहे और ब्लड शुगर स्तर स्थिर रहे।

पोटैशियम (Potassium) और मैग्नीशियम (Magnesium) जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी डायबिटीज़ प्रबंधन में भूमिका निभाते हैं। पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है और कोशिकाओं में इंसुलिन के सही उपयोग में मदद करता है। केले, शकरकंद, एवोकाडो और पालक जैसे खाद्य पदार्थ पोटैशियम के अच्छे स्रोत हैं। मैग्नीशियम मांसपेशियों के कार्य, तंत्रिका तंत्र और ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए जरूरी है। फ्लैक्स सीड्स, कद्दू के बीज और पालक मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं। आयुर्वेद में पत्तेदार सब्ज़ियों और बीजों को “सात्त्विक आहार” के रूप में बताया गया है, जो शरीर को शुद्ध और ऊर्जावान बनाए रखते हैं।

डायबिटीज़ रोगियों के लिए भोजन का समय, मात्रा और गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद के अनुसार, “अल्प मात्रा में भोजन ग्रहण करने से शरीर में वात, पित्त और कफ संतुलित रहते हैं।” प्रत्येक मील में प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा का संतुलन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है। भूख लगने पर फलों और नट्स का सेवन करना और प्रोसेस्ड फूड से बचना ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए उपयोगी है। आयुर्वेद में अनाज, दाल, मौसमी फल और सब्ज़ियों को प्रमुखता दी गई है क्योंकि ये शरीर के संतुलन और प्राकृतिक चयापचय (Metabolism) को बनाए रखते हैं।

डायबिटीज़ के रोगियों के लिए संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या और सही पोषण से न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया जा सकता है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से शरीर का “समा दोष” (संतुलित दोष) और “प्रकृति के अनुसार आहार” अपनाने से शरीर की इंसुलिन प्रतिक्रिया बेहतर होती है और डायबिटीज़ प्रबंधन में सहायता मिलती है।